सुप्रिम कोर्ट के एडवोकेट श्री आर.के.शर्मा की इस पुस्तक में 354 पृष्ठ हैं। पुस्तक कई पूर्व न्यायघीशों द्वारा Foreword है।यह पुस्तक अति महत्वपूर्ण है।इसमें भारतीय दण्ड संहिता की सभी 511 धाराओं को आसान भाषा में समझाया गया है ,और यह भी बताया है, कि उस धारा की जमानत कहां से होती है। (कोर्ट से या थाने से?) क्या पुलिस उस धारा के अपराध मे आरोपी को बिना वारेण्ट के गिरफ्तार कर सकती है? उस धारा के अपराध की सुनवाई कौन सी अदालत में होती है? (मजिस्ट्रेट कोर्ट में या सैशन कोर्ट में?) इसके अलावा अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां भी इस पुस्तक में दी गयी है जैसे-

1. यदि जज किसी को 3 वर्ष या उससे कम की सजा सुनाये, तो कैसे उसकी बिना जेल जाये जमानत हो सकती है?
2. बच्चे एवं बडे के अपहरण के अपराध में क्या अन्तर होता है?
3. दूसरे के टिकट पर यात्रा करने पर भी धारा 420, 419 लगती है और किसी से करोड़ों की धोखाधड़ी करने पर भी 420 लगती है, ऐसा क्यों, और कैसे?
4. हत्या के प्रयास में भी, कब सजा-ए-मौत तक की भी सजा हो सकती है?
5. कब किसी अपराधी को पुलिस चाहकर भी गिरफ्तार नहीं कर सकती?